हाथ जोड़ कर २००९ को प्रणाम और २०१० को मेरा सलाम। कुछ रंग-बिरंगा और कुछ खट्टा-मीठा सा रहा २००९। काफी-कुछ सीखने को मिला इस बीते साल में, लेकिन कोई ख़ास उपलब्धि नहीं पाई। चलो, कोई बात नहीं, जीवन-चक्र इसी तरह चलता रहा है और चलता रहेगा।
लो भाई, एक वर्ष और पूरा हुआ दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटनें का।
धन्यवाद २००९.....!!
Thursday, December 31, 2009
Sunday, June 14, 2009
ये क्या हुआ?
मुझे समझ में तो आया परन्तु थोडी देर से | शायद गलती मेरी ही थी - मुझे काफी पहले ही समझ जाना चाहिए था | लेकिन चलो, कोई बात नहीं, अभी भी कुछ नहीं बिगडा है - देर आये, दुरुस्त आये | सब कुछ ऐसे ही चलता आया है और ऐसे ही चलता रहेगा | कोई इलाज नहीं |
जाने क्यों मै अपना वजन घटाता रहता हूँ कुछ-कुछ सोचकर | खामख्वाह अपना दिमाग खराब क्यों करूँ | कुछ नहीं मिलने वाला और न ही कुछ बदलने वाला | पूरे बीस साल लग गए इस निश्कर्ष पर पहुँचते-पहुँचते|
जाने क्यों मै अपना वजन घटाता रहता हूँ कुछ-कुछ सोचकर | खामख्वाह अपना दिमाग खराब क्यों करूँ | कुछ नहीं मिलने वाला और न ही कुछ बदलने वाला | पूरे बीस साल लग गए इस निश्कर्ष पर पहुँचते-पहुँचते|
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