हाथ जोड़ कर २००९ को प्रणाम और २०१० को मेरा सलाम। कुछ रंग-बिरंगा और कुछ खट्टा-मीठा सा रहा २००९। काफी-कुछ सीखने को मिला इस बीते साल में, लेकिन कोई ख़ास उपलब्धि नहीं पाई। चलो, कोई बात नहीं, जीवन-चक्र इसी तरह चलता रहा है और चलता रहेगा।
लो भाई, एक वर्ष और पूरा हुआ दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटनें का।
धन्यवाद २००९.....!!
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